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गुर्दे की पथरी और गर्भवती महिलाओं पर इसका प्रभाव

Updated: Sep 20, 2023


Pathri ka ilaj | Bionexus India

गर्भवती महिलाओं के जीवन में एक खास प्रकार की सवाल खड़ी हो सकती है - गुर्दे की पथरी का प्रभाव। गर्भवती होने का समय उनके लिए खास होता है, और इस परिस्थिति में गुर्दे की पथरी का सामय पर पता लगना और उसका प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि गर्भवती महिलाओं पर गुर्दे की पथरी का क्या प्रभाव होता है और इसके प्रबंधन के बारे में चर्चा करेंगे।


गुर्दे की पथरी क्या है?


गुर्दे की पथरी एक सामान्य परिस्थिति है जिसमें गुर्दे में सैकड़ों छोटे पत्थर बन जाते हैं। ये पत्थर अवशोषित मिनरल्स और अन्य तत्वों का जमाव होते हैं और गुर्दे की पाइपों में या ब्लैडर में चले जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मरीज को दर्द और समस्याएं हो सकती हैं।


गर्भावस्था में गुर्दे की पथरी का प्रभाव


गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिनमें हार्मोनल परिवर्तन, गुर्दे की प्रेशर में वृद्धि, और मूत्र तंतु सिस्टम में परिवर्तन शामिल हैं। ये बदलाव गुर्दे की पथरी के रिस्क को बढ़ा सकते हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए गुर्दे की पथरी के प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हो सकते हैं:


  1. दर्द और तकलीफ: गर्भवती महिलाएं गुर्दे की पथरी के साथ दर्द और तकलीफ का सामना कर सकती हैं, जो उनके जीवन को अस्तित्व की तरफ से प्रभावित कर सकता है।

  2. मूत्र तंतु संबंधित समस्याएं: गुर्दे की पथरी ब्लैडर में बीच में फंस सकती है, जिससे मूत्र संबंधित समस्याएं जैसे कि मूत्र कम आना, मूत्र में दर्द, या मूत्र के साथ खून के आने का खतरा हो सकता है।

  3. गर्भ को प्रभावित करने का खतरा: बड़ी पथरियाँ गर्भ को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे प्रसव में समस्याएं हो सकती हैं।


गुर्दे की पथरी के प्रबंधन


गर्भवती महिलाओं के लिए गुर्दे की पथरी के प्रबंधन के लिए चिकित्सक के सुझाव का पालन करना महत्वपूर्ण है।


  1. दवाइयाँ और आराम: छोटी पथरियाँ आमतौर पर दवाइयों और आराम के माध्यम से प्रबंधित की जा सकती हैं।

  2. समय पर चिकित्सक सलाह: गर्भवती महिलाओं को किसी भी समस्या के संकेतों के साथ अपने चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

  3. स्वस्थ आहार और पीना: स्वस्थ आहार और पीने की अच्छी आदतें गुर्दे की स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती हैं।

  4. बार-बार मूत्र करना: गर्भवती महिलाओं को बार-बार मूत्र करने की आदत डालनी चाहिए, जिससे पथरियाँ और उनके प्रभाव को कम किया जा सकता है।

  5. सुनें अपने चिकित्सक की सलाह: सबसे महत्वपूर्ण बात है कि गर्भवती महिलाएं अपने चिकित्सक की सलाह को महत्वपूर्ण मानें और उनके सुझावों का पालन करें।


गुर्दे की पथरी गर्भवती महिलाओं के लिए चिंता का कारण हो सकती है, लेकिन यदि सही समय पर चिकित्सक की सलाह ली जाए, तो यह समस्या प्रबंधन की जा सकती है और स्वस्थ गर्भावस्था को सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है।

 
 

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