गुर्दे की पथरी से मुक्ति पाने के लिए योगासन और आयुर्वेदिक उपाय का अपनाना एक प्राकृतिक और साधारण तरीका साबित हो सकता है। इस लेख में हम कुछ ऐसे योगासन और आयुर्वेदिक उपाय पर चर्चा करेंगे जो आपको गुर्दे की पथरी से राहत दिला सकते हैं।
योगासन
1. पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana)
इस आसन से पेट की कई समस्याएँ दूर हो सकती हैं और गुर्दे की स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है।
साधारण तरीके से पेट की ओर लेट जाएं।
धीरे-धीरे दोनों पैरों को मोड़ें और सीने की ओर लाएं।
अपने हाथों से पैरों को पकड़ें और कुछ समय के लिए इसी स्थिति में रहें।
2. भुजंगासन (Bhujangasana)
यह आसन पेट और कमर की मासपेशियों को मजबूती प्रदान करता है।
पेट की ओर लेट जाएं और अपने हाथों को शरीर के निचले हिस्से में रखें।
धीरे-धीरे अपने उपरी शरीर को उठाएं और कुछ समय के लिए इसी स्थिति में रहें।
आयुर्वेदिक उपाय
1. वरुणा (Varuna)
वरुणा की छाल का काढ़ा बनाकर पिने से गुर्दे की पथरी में राहत मिल सकती है।
2. गोक्षुर (Gokshura)
गोक्षुर का सेवन गुर्दे की पथरी के इलाज में सहायक साबित हो सकता है।
3. पानी का सेवन
दिनभर में कम से कम 2-3 लीटर पानी पिने से गुर्दे स्वस्थ रह सकते हैं और पथरी का जोखिम कम हो सकता है।
इन सभी योगासन और आयुर्वेदिक उपायों को अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।