गुर्दे की पथरी: महिलाओं और पुरुषों में अंतर
- Bionexus India
- Sep 20, 2023
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Updated: Sep 21, 2023
गुर्दे की पथरी, या नितम्बंकु वृक्कि स्टोन, एक आम स्वास्थ्य समस्या है जिसमें गुर्दा पथरी किडनी के अंदर बन जाती है। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन इसमें थोड़ा सा अंतर होता है। इस लेख में, हम देखेंगे कि गुर्दे की पथरी महिलाओं और पुरुषों में कैसे विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकती है और उसके लक्षण, कारण, और उपचार क्या हो सकते हैं।
महिलाओं में गुर्दे की पथरी का प्रकटित होना
महिलाओं में गुर्दे की पथरी का प्रकट होना कम होता है, यह सच है। वास्तव में, महिलाओं की किडनी की रिस्क फैक्टर कम हो सकते हैं क्योंकि उनके जीवन में पुरुषों की तरह यौन हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन की अधिक उपस्थिति नहीं होती है। यह एक संघटित कारण हो सकता है क्योंकि यौन हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन के अधिक उपस्थित होने पर गुर्दे की पथरी का खतरा बढ़ जाता है।
लक्षण और प्रकोप प्रकटित होना
गुर्दे की पथरी के लक्षण महिलाओं और पुरुषों में समान हो सकते हैं। ये लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
पीड़ाशूल दर्द: गुर्दे की पथरी के साथ पीड़ाशूल दर्द होता है, जो पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर पेट के निचले हिस्से तक बढ़ सकता है।
मूत्र में ब्लड: पथरी की चोट से, मूत्र में ब्लड आ सकता है, जिसे हेमैटूरिया कहा जाता है।
मूत्र में जलन या दर्द: मूत्र में जलन या दर्द का अहसास हो सकता है, जो पथरी की मूत्रमार्ग से गुजरते समय हो सकता है।
मूत्रमार्ग से पथरी के निकलना: गुर्दे की पथरी के बाहर निकलने पर मूत्रमार्ग में जो रुकावट हो सकती है, वह दर्द और तकलीफ का कारण बन सकती है।
महिलाओं के लिए विशेष ध्यान
महिलाओं के लिए गुर्दे की पथरी का इलाज पुरुषों के मुकाबले थोड़ा अधिक सावधानी से किया जाना चाहिए। ये कुछ आवश्यक बातें हैं:
प्रेग्नेंसी और गुर्दे की पथरी: महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पथरी के इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, क्योंकि इसका इलाज गर्भावस्था पर असर डाल सकता है।
सुरक्षित इलाज: गुर्दे की पथरी का इलाज महिलाओं के शरीर के विशेष असर के आधार पर किया जाता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि सही दवाओं और इलाज के लिए डॉक्टर के सुझाव का पालन किया जाए।
समापन
गुर्दे की पथरी महिलाओं और पुरुषों दोनों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन महिलाओं में इसकी प्राधिकृत घटना कम होती है। इसके लक्षण और इलाज में कुछ अंतर हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर के सुझाव का पालन करना जरूरी है। स्वास्थ्य की देखभाल और नियमित चेकअप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि इस समस्या को समय पर पहचाना और इलाज किया जाए।