गुर्दे की पथरी: होम्योपैथी इलाज
- Bionexus India
- Sep 15, 2023
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Updated: Sep 18, 2023
गुर्दे की पथरी, जिसे आमतौर पर किडनी स्टोन्स के नाम से जाना जाता है, एक आम स्वास्थ्य समस्या है जिसमें किडनी के अंदर स्थित शरीर के अतिरिक्त कैल्शियम और अन्य खनिजों के साथ साथ कई अन्य प्रकार की चीजें जुट जाती हैं। यह खड़ा हो जाने पर अत्यंत दर्द का कारण बन सकता है, और गंभीर मामलों में इससे यूरीने का रुकाव भी हो सकता है, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
होम्योपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है जिसमें रोग के लक्षणों के आधार पर विभिन्न प्राकृतिक संवेदना के साथ साथ उसके पीछे के कारणों को ध्यान में रखकर इलाज किया जाता है। गुर्दे की पथरी के इलाज में भी होम्योपैथी का महत्वपूर्ण स्थान है।
गुर्दे की पथरी के होम्योपैथिक इलाज के प्रमुख लक्षण:
सिलिकिया (Silicea): इस दवा का उपयोग किडनी के पथरी को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह उपयोगकर्ता को पथरी के असर को बढ़ाने और उसे पेशाब द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है।
लिथियम कार्बोनिकम (Lithium Carbonicum): यह दवा उन व्यक्तियों के लिए फायदेमंद हो सकती है जो गुर्दे की पथरी के साथ-साथ अफवाहों की बजाय तथ्यों पर आधारित होते हैं।
बेरबेरिस वुलगारिस (Berberis Vulgaris): इस दवा का उपयोग गुर्दे के क्षेत्र में होने वाले तेज दर्द को कम करने और पथरी को बाहर निकालने में किया जाता है।
कन सल्फ (Cantharis): यह दवा गुर्दे में बड़े पथरी के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है, जिसके साथ ही यूरीने के साथ जलन और पेशाब के साथ-साथ दर्द को भी राहत पहुंचा सकती है।
कुछ सावधानियां:
होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग डॉक्टर की सलाह पर करें।
खुद से दवाओं का उपयोग न करें, क्योंकि हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और उनकी आवश्यकताएं भी अलग हो सकती हैं।
डॉक्टर के सुझावों के बावजूद यदि लक्षण बिगड़ रहे हैं या समय के साथ बढ़ रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सक सलाह लें।
गुर्दे की पथरी का होम्योपैथिक इलाज एक प्राकृतिक और प्रभावी विकल्प हो सकता है, लेकिन इसका उपयोग केवल चिकित्सक के मार्गदर्शन में करें। यदि सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो होम्योपैथी से गुर्दे की पथरी का इलाज संभावना है।