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पथरी के इलाज की प्रक्रिया: एक चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका


Pathri ka ilaj | Bionexus India

पथरी (किडनी स्टोन) एक आम स्वास्थ्य समस्या है जिसमें किडनी में छोटी पथरियाँ बन जाती हैं, जिनसे यातायात में बाधा हो सकती है। इसका इलाज निम्नलिखित चरणों में किया जा सकता है:


चरण 1: निदान और जाँच


पथरी के इलाज की प्रक्रिया का पहला चरण है निदान और जाँच करना। रोगी के लक्षणों का परीक्षण करके डॉक्टर किडनी स्टोन की मौजूदगी की पुष्टि करते हैं। जाँच में सॉनोग्राफी, यूरीन टेस्ट, और किडनी स्टोन के प्रकार का निर्धारण शामिल हो सकता है।


चरण 2: दवाओं का उपयोग


पथरी के इलाज के पहले चरण में, डॉक्टर दवाओं का सुझाव देते हैं। ये दवाएँ पथरी को छोटा करने और निकालने में मदद कर सकती हैं। डॉक्टर के दिशानिर्देशों के अनुसार इन दवाओं का नियमित रूप से सेवन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।


चरण 3: प्रशासनिक इलाज


गुर्दा के अधिक बड़े पथरी को निकालने के लिए प्रशासनिक इलाज का सुझाव दिया जा सकता है। इसमें लेप्रोस्कोपी, परकटन, और यूट्रोस्कोपी जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है ताकि पथरी को हटाने के लिए यात्री को छेदन किया जा सके।


चरण 4: ऑपरेशन


कई बड़ी और जटिल पथरियाँ या जिन्हें अन्य इलाज से निकालना मुश्किल हो सकता है, उनके इलाज के लिए ऑपरेशन की सलाह दी जा सकती है। यह कबीना या लैपरोस्कोपी के माध्यम से किया जा सकता है।


चरण 5: सावधानी और बचाव


पथरी के इलाज के बाद, रोगी को सावधानी बरतनी चाहिए ताकि फिर से पथरी बनने की संभावना कम हो। प्राकृतिक रूप से पानी की अधिक मात्रा में पीना, साँप के प्रोटीन को कम करना, और डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए।


पथरी के इलाज की प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है कि किडनी स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके। यदि आपको किडनी स्टोन के लक्षण मिलते हैं, तो तुरंत एक चिकित्सक से संपर्क करना और उनकी सलाह का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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