पथरी, जिसे किडनी स्टोन कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुर्दे में पथरी बन जाती है। यह एक आम समस्या है और इसके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए, वैज्ञानिकों ने पथरी के इलाज में कई नवीनतम प्रौद्योगिकियाँ विकसित की हैं। आइए जानते हैं कि ये नई प्रौद्योगिकियाँ क्या हैं और कैसे ये मरीजों की सहायता कर सकती हैं।
नॉन-इंवेसिव प्रक्रियाएँ
1. शॉक वेव लिथोत्रिप्सी (SWL) SWL एक प्रकार की नॉन-इंवेसिव प्रक्रिया है जिसमें पथरी को तोड़ने के लिए शॉक वेव्स का प्रयोग किया जाता है।
2. लेजर लिथोत्रिप्सी इसमें एक छोटी सी लेजर फाइबर का प्रयोग करके पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है, जिससे ये आसानी से निकल जाती हैं।
आधुनिक सर्जिकल प्रक्रियाएँ
1. परकोप्टिक प्येलोलिथोतोमी इस प्रक्रिया में एक छोटा कैमरा और औजार का प्रयोग करके पथरी को निकाला जाता है।
2. रोबोटिक सर्जरी इसमें रोबोटिक तकनीक का प्रयोग करके सर्जन पथरी का शल्य चिकित्सा कर सकते हैं, जिससे सटीकता और सुरक्षा बढ़ जाती है।
डायग्नोस्टिक प्रौद्योगिकियाँ
1. संवेदनशील उल्ट्रासोनोग्राफी नई पीढ़ी की उल्ट्रासोनोग्राफी मशीनें पथरी का सही निर्धारण कर सकती हैं और इसका आकार और स्थिति का सही पता लगा सकती हैं।
2. एमआरआई और सीटी स्कैन इन तकनीकों का प्रयोग करके पथरी के आकार और स्थिति की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इन नई प्रौद्योगिकियों के माध्यम से पथरी के इलाज में नई संभावनाओं का स्वागत किया जा रहा है, जिससे मरीजों को अधिक सुविधा और तेजी से आराम मिल सकता है। आईए, हम इन नवीनतम प्रौद्योगिकियों का स्वागत करते हैं और आगे के समय में और भी बेहतर तकनीकों की आशा करते हैं।