पथरी, यानी पेशाब में पथरी की बनने की समस्या, आजकल एक आम स्वास्थ्य समस्या है जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं। इसके कारण ज्यादातर लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन योग और प्राणायाम जैसे योगिक अभ्यास से इस समस्या का प्रबंधन किया जा सकता है। यह लेख पथरी के रोगियों के लिए योग और प्राणायाम के महत्व को समझाने का प्रयास करेगा।
पथरी क्या है?
पथरी, जिसे नेफ्रोलिथियसिस भी कहा जाता है, एक तरह की पथरी का विकास होता है, जिसमें पेशाब के अंदर कठिन सैक्रेशन (पथरी) बन जाती है। यह पथरी मूत्रशाय में बन सकती है और व्यक्ति को पेशाब करते समय दर्द और तकलीफ पहुंचाती है।
योग का महत्व:
योग पथरी के रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय हो सकता है। योग के अभ्यास से शरीर की ताकत और पथरी के बनने के लिए जरूरी खानपान की निगरानी की जा सकती है। यहां कुछ योग आसन और प्राणायाम के फायदे हैं:
1. पाश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana): यह आसन पेशाब के पथरी के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि यह पेशाब में कठिन सैक्रेशन को कम करता है और तंतु शक्ति को बढ़ावा देता है।
2. भुजंगासन (Bhujangasana): इस आसन से कमर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और पेशाब के रास्ते को साफ रखता है।
3. प्राणायाम (Pranayama): प्राणायाम के अभ्यास से नियमित तारिकों पर श्वसन करने की कला सिखाई जाती है, जिससे शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलता है और पेशाब की समस्या को कम किया जा सकता है।
4. जलनेति (Jal Neti): जलनेति का अभ्यास सिर से पेशाब के रास्ते तक शुद्धि लाने में मदद कर सकता है और पथरी के बनने की संभावना को कम कर सकता है।
5. आंबुली (Amla): आंबुली विटामिन सी का अच्छा स्रोत है जिससे पथरी के खिलाफ रक्षा मिलती है।
6. पानी पीने की अधिकता (Hydration): यदि आप पथरी के रोगी हैं, तो पानी पीने की अधिकता बनाए रखें, क्योंकि यह पथरी के बनने की संभावना को कम करता है।
पथरी के रोगीयों के लिए योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास उन्हें इस समस्या से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है। हालांकि, यदि आप पथरी के साथ किसी भी नई चिकित्सा योजना को शुरू करने का विचार कर रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है। योग और प्राणायाम को बिना सलाह के न करें, और यह किसी भी निर्देशित इलाज का विकल्प नहीं हो सकता है।