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पथरी में डायलिसिस: क्या जानना चाहिए?


पथरी, जिसे किडनी स्टोन भी कहा जाता है, एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जिसमें गुर्दे में संकलित पदार्थों के कण बन जाते हैं। इस समस्या का सामान्यतः प्रबंधन औषधियों, पर्याप्त तरल पदार्थ सेवन और धार्मिक चिकित्सा के माध्यम से किया जाता है। लेकिन कभी-कभी, पथरी इतनी बड़ी हो जाती है कि इसे निकालने के लिए डायलिसिस की आवश्यकता हो सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि पथरी में डायलिसिस क्या होता है और इसके पर्याप्त जानकारी प्राप्त करना क्यों महत्वपूर्ण है।


डायलिसिस क्या है?


डायलिसिस एक प्रकार की कृत्रिम गुर्दा प्रक्रिया होती है जिसमें रक्त से विषाक्त पदार्थों और अत्यधिक नमकों का निष्कासन किया जाता है। इसे आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं।


पथरी में डायलिसिस: कैसे और क्यों?


पथरी के मामले में, डायलिसिस तब तय किया जाता है जब पथरी गुर्दे की क्रियाकलापों में बाधा डाल देती है और सामान्य उपचार असमर्थ हो जाते हैं। इससे पहले कि समस्या और बढ़ जाए, चिकित्सक डायलिसिस की सलाह दे सकते हैं।


डायलिसिस के प्रकार


  1. हेमोडायलिसिस: इसमें एक मशीन का उपयोग करके रक्त को शरीर से बाहर लेजाया जाता है, इसे साफ किया जाता है और फिर से शरीर में वापस डाल दिया जाता है।

  2. परिटोनियल डायलिसिस: इसमें एक स्थानीय सॉल्यूशन का उपयोग करके शरीर के अंदर ही रक्त को साफ किया जाता है।


डायलिसिस की अवधारणाएँ


  1. योग्यता: सभी रोगी डायलिसिस के लिए योग्य नहीं होते। चिकित्सक की सलाह आवश्यक होती है।

  2. लागत: डायलिसिस एक महंगा उपचार हो सकता है, जिसके लिए वित्तीय योजना की आवश्यकता हो सकती है।


निष्कर्ष


पथरी की समस्या में डायलिसिस एक महत्वपूर्ण उपचार हो सकता है, जिससे गंभीर परिस्थितियों से बचा जा सकता है। यदि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को पथरी की समस्या है, तो डायलिसिस के बारे में जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण हो सकता है। इससे पहले कि कोई निर्णय लिया जाए, चिकित्सक से सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है।

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