Gurde Ki Pathri : शिलाजीत से गुर्दे की पथरी का इलाज
- Bionexus India
- Oct 12, 2023
- 2 min read
शिलाजीत का उल्लेख भारतीय आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के इलाज के रूप में है। यह एक प्राकृतिक रेजिन है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है और यह कई औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। गुर्दे की पथरी के इलाज में भी इसका प्रयोग होता है, लेकिन किस प्रकार? आइए जानते हैं।
गुर्दे की पथरी:
गुर्दे की पथरी तब होती है जब गुर्दे में मौजूद मिनरल्स और नमक एकत्रित होते हैं और ठोस अवस्था में परिवर्तित होते हैं। यह दर्द, मूत्र में रक्त और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
शिलाजीत के गुण:
शिलाजीत अंतिओक्सीडेंट, श्लेष्महर, वायुनाशक और शोथहर गुणों से भरपूर है। इसमें मौजूद फुल्विक एसिड और अन्य मिनरल्स शरीर में विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं, जो पथरी के निर्माण में योगदान करते हैं।
शिलाजीत और गुर्दे की पथरी का संबंध:
जब गुर्दे की पथरी होती है, तो गुर्दे में सूजन और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। शिलाजीत के शोथहर और वायुनाशक गुण इस सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, शिलाजीत में पाए जाने वाले मिनरल्स और फुल्विक एसिड गुर्दे को सहायता प्रदान करते हैं, जिससे वह सही तरीके से कार्य कर सकें।
शिलाजीत गुर्दे की पथरी के निर्माण के मौलिक कारणों को प्रभावित कर सकता है। यह गुर्दे में जमा होने वाले अवशेष पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जो पथरी के निर्माण का कारण बन सकते हैं।
उपयोग और सावधानियां:
यदि आप शिलाजीत का उपयोग गुर्दे की पथरी के इलाज में करना चाहते हैं, तो आपको इसे सही मात्रा में और सही तरीके से लेना चाहिए। अधिक मात्रा में लेने से इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए, इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अंत में, जबकि शिलाजीत के अनेक फायदे हैं और यह गुर्दे की पथरी के इलाज में मदद कर सकता है, यह आयुर्वेदिक उपचार अकेला एक चिकित्साकीय उपाय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यदि आपको गुर्दे की पथरी की समस्या है, तो आपको एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।