आज हम एक ऐसे विषय पर बात करेंगे जिसे लेकर कई लोग परेशान हैं - गुर्दे की पथरी। पथरी एक सामान्य समस्या है, जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं। क्या आपको पता है कि हल्दी दूध इस समस्या में मदद कर सकता है? आइए, जानते हैं कैसे!
हल्दी दूध - एक आयुर्वेदिक उपचार
हल्दी, जिसे टर्मेरिक कहते हैं, प्राचीन समय से आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग होता आ रहा है। हल्दी में कुर्कुमिन होता है, जो एक प्राकृतिक जलन शामक और सूजन शामक होता है। जब हल्दी को दूध में मिलाकर पिया जाता है, तो यह शरीर में शामक प्रवृत्ति वर्धित होती है।
गुर्दे की पथरी का कारण
गुर्दे की पथरी तब होती है, जब गुर्दे में मौजूद मिनरल्स और नमक जमने लगते हैं। यह जमाव धीरे-धीरे एक पथरी का रूप लेता है। अधिकतर पथरी का कारण पानी की कमी, अधिक नमक खाना और कुछ आहार संबंधित कारण होते हैं।
हल्दी दूध कैसे मदद करता है?
शामक प्रवृत्ति: हल्दी की जलन शामक और सूजन शामक प्रवृत्तियों की वजह से पथरी के दर्द में राहत मिलती है।
अंतर्संवेदनशीलता की कमी: हल्दी में मौजूद कुर्कुमिन शरीर की प्रतिक्रियावशीलता को घटाता है, जिससे पथरी संबंधित सूजन में कमी होती है।
यूरिन की प्रवृत्ति को बढ़ावा: हल्दी दूध पीने से यूरिन की प्रवृत्ति में वृद्धि होती है, जिससे पथरी को बाहर निकलने में मदद मिलती है।
हल्दी दूध कैसे बनाएं?
एक गिलास दूध लें और उसमें 1/2 छोटी चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं।
इसे धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक उबालें।
चीनी या शहद डालकर मिठास बढ़ा सकते हैं।
गरमा गरम पिएं।
निष्कर्ष
हल्दी दूध गुर्दे की पथरी का इलाज में मदद कर सकता है, लेकिन यह एक वैज्ञानिक तरीका नहीं है। अगर आपको गुर्दे की पथरी की समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
धन्यवाद!