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Kidney Stones : हल्दी दूध से गुर्दे की पथरी का इलाज


Kidney Stones : हल्दी दूध से गुर्दे की पथरी का इलाज

हल्दी दूध, जिसे 'तुर्मेरिक मिल्क' भी कहा जाता है, एक प्राचीन भारतीय घरेलू उपाय है जिसका उपयोग कई सारी स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है। हल्दी और दूध दोनों ही आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यहाँ हम बात करेंगे कि कैसे हल्दी दूध गुर्दे की पथरी के इलाज में सहायक हो सकता है।

1. हल्दी के गुण:


हल्दी में कुरकुमिन नामक एक यौगिक होता है जिसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभ हैं। यह एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लैमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है।

2. दूध के गुण:


दूध में कैल्शियम, विटामिन D और अन्य जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक होते हैं।

3. गुर्दे की पथरी का कारण:


गुर्दे की पथरी तब बनती है जब गुर्दे में मौजूद यूरिन में मिनरल्स और अन्य तत्व जमा हो जाते हैं। यह जमाव धीरे-धीरे पथरी में परिवर्तित हो जाता है।

4. हल्दी दूध और गुर्दे की पथरी:


हल्दी की एंटी-इंफ्लैमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज की वजह से यह गुर्दे की पथरी से उत्पन्न होने वाली सूजन और दर्द को कम कर सकता है। हालांकि, यह सीधे तौर पर पथरी को तोड़ने या निकालने में सहायक नहीं है। दूध में से कैल्शियम गुर्दे की पथरी के निर्माण को बढ़ा सकता है, इसलिए इस उपाय का अत्यधिक सेवन करना चाहिए या नहीं, इस पर विचार करना चाहिए।

5. अन्य उपाय:


अधिक पानी पीना, नमक और प्रोटीन युक्त खानपान की मात्रा को कम करना और संतुलित आहार लेना भी पथरी के रिस्क को कम कर सकता है।

6. चिकित्सा सलाह:


हल्दी दूध का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। यदि आपको लगता है कि आपको गुर्दे की पथरी है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

संक्षेप में, हल्दी दूध गुर्दे की पथरी से उत्पन्न होने वाले दर्द और सूजन को कम कर सकता है, लेकिन इसे पथरी का मुख्य इलाज मानना गलत होगा। यह एक सहायक उपाय हो सकता है, लेकिन असली इलाज और उपयुक्त सलाह के लिए डॉक्टर से संपर्क करना सबसे अच्छा है।


 
 

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