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Gurde Ki Pathri : कढ़ा से गुर्दे की पथरी का इलाज


Gurde Ki Pathri : कढ़ा से गुर्दे की पथरी का इलाज

गुर्दे की पथरी का विषय अधिकांश लोगों के लिए परिचित है। यह तब होता है जब गुर्दे में ठोस पदार्थ जमा हो जाते हैं, जिससे पथरी बन जाती है। पथरी के कारण शरीर में असहजता और दर्द हो सकता है। प्राकृतिक तरीकों में से एक प्रचलित तरीका गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए कढ़ा का सेवन करना है।

कढ़ा क्या है?

कढ़ा एक प्राकृतिक पेय है, जिसमें विभिन्न जड़ी-बूटियों और मसालों का मिश्रण होता है। यह अम्बा, गिलोय, नीम, तुलसी, दारचीनी, और अन्य जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है।

कढ़ा से पथरी का इलाज कैसे होता है?


  1. प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि: कढ़ा में पाए जाने वाले तत्व शरीर की प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ावा देते हैं, जिससे शरीर के अंदर जमी गंदगी को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

  2. मूत्र संबंधी समस्याओं का समाधान: कई जड़ी-बूटियां मूत्र संचार में सुधार करती हैं, जिससे पथरी धीरे-धीरे गलकर बाहर आ सकती है।

  3. वात और पित्त को संतुलित करना: आयुर्वेद में माना जाता है कि वात, पित्त, और कफ़ - ये तीन दोष शरीर के संतुलन के लिए जिम्मेदार होते हैं। कढ़ा इन तीनों को संतुलित करता है, जिससे पथरी की संभावना कम होती है।

  4. शरीर में सूजन को कम करना: कढ़ा में दारचीनी जैसी सामग्रियां होती हैं, जो शरीर में सूजन को कम करती हैं। सूजन कम होने से पथरी का दर्द भी कम होता है।


सावधानियां:


  1. अधिक मात्रा में सेवन से बचें: अधिक मात्रा में कढ़ा का सेवन करने से शरीर में नकरात्मक प्रभाव पैदा हो सकते हैं।

  2. डॉक्टर से सलाह अवश्य लें: अगर आप कढ़ा पिने का सोच रहे हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

  3. प्रेगनेंसी और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सावधानी बरतें: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं कढ़ा पीने से पहले डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।


निष्कर्ष:

कढ़ा एक प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय है गुर्दे की पथरी के लिए, लेकिन इसका सेवन करते समय सावधानियां बरतना चाहिए। यदि आपको लगता है कि आपको गुर्दे की पथरी है, तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह अनुसार ही कढ़ा पिएं।


 
 

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