गुर्दे की पथरी एक आम समस्या है, जिससे अनेक लोग प्रभावित होते हैं। यह समस्या तब होती है जब गुर्दे में मिनरल और नमक का संचय होता है और इसके परिणामस्वरूप थोस कण बन जाते हैं। गुर्दे की पथरी से जुड़े लक्षणों में तेज दर्द, मूत्र में रक्त, मूत्र करते समय दर्द आदि शामिल हैं।
कई प्राकृतिक उपाय और घरेलू नुस्खे गुर्दे की पथरी को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इनमें से एक अद्वितीय और प्राचीन उपाय है - कॉर्नमील। कॉर्नमील, जिसे मक्की की भूसी भी कहा जाता है, गुर्दे की पथरी के इलाज में अत्यंत प्रभावशाली होता है।
कॉर्नमील के गुणधर्म और उसके फायदे:
दिउरेटिक प्रॉपर्टीज़: कॉर्नमील में दिउरेटिक गुण होते हैं, जिससे मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है। ज्यादा मूत्र पास करने से पथरी के कण बाहर निकल जाते हैं।
प्राकृतिक सूजन कम करने वाला: कॉर्नमील में अंतिस्थायीग्रस्त प्रोपर्टीज़ हैं, जो गुर्दे की सूजन को कम करते हैं।
अब, जानते हैं कॉर्नमील को कैसे इस्तेमाल किया जाए:
कॉर्नमील का काढ़ा:
दो चम्मच कॉर्नमील को दो कप पानी में डालें।
इसे धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक उबालें।
चानकर गरमा गरम पिएं।
यह काढ़ा दिन में दो बार पीने से गुर्दे की पथरी में आराम मिलता है।
सावधानियां:
कॉर्नमील के अधिक सेवन से पेट में परेशानी हो सकती है।
अगर आपको इसके सेवन से कोई अलर्जी या साइड इफेक्ट महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
निष्कर्ष:
जबकि कॉर्नमील गुर्दे की पथरी में आराम दिलाने में सहायक हो सकता है, यह यथासंभव है कि यह पूरी तरह से पथरी को दूर करे। पथरी के लक्षण दिखाई देने पर, डॉक्टर की सलाह जरूर लें और नियमित जाँच अवश्य कराएं।