गोखरू, जिसे विज्ञानिक भाषा में Tribulus terrestris कहा जाता है, एक प्राचीन जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग भारतीय और चीनी चिकित्सा प्रणालियों में विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। यह जड़ी-बूटी खासकर गुर्दे की पथरी और मूत्र संबंधित समस्याओं के इलाज में प्रयुक्त होती है।
गोखरू के फायदे:
दीर्घकालिक प्रयोग: गोखरू का प्रयोग पारंपरिक रूप से गुर्दे की पथरी, मूत्र संक्रमण, और अन्य मूत्र प्रणाली की समस्याओं के इलाज में किया जाता है।
मूत्र वर्धक: यह मूत्र की मात्रा और प्रवाह को बढ़ावा देने में मदद करता है, जिससे पथरी और अन्य अवशेष शरीर से बाहर निकल सकते हैं।
शोथ हर: गोखरू में शोथनाशक गुण होते हैं जो मूत्र प्रणाली में सूजन को कम करते हैं।
यद्यपि गोखरू के फायदों का जिक्र पारंपरिक चिकित्सा में होता है, यह हमेशा सलाहकार या विशेषज्ञ से परामर्श करके ही उपयोग करना चाहिए।
गोखरू से पथरी का इलाज:
गोखरू का काढ़ा: गोखरू के सूखे फलों को पानी में उबालकर उसका काढ़ा तैयार किया जाता है। इस काढ़े को नियमित रूप से पीने से पथरी में आराम मिल सकता है।
गोखरू पाउडर: गोखरू के सूखे फलों का पाउडर भी उपलब्ध है, जिसे पानी के साथ लिया जा सकता है।
गोखरू की चाय: गोखरू की चाय भी पी सकते हैं, जो पथरी और मूत्र संक्रमण में लाभकारी होती है।
सावधानियां और परामर्श:
सही मात्रा: गोखरू का सेवन सही मात्रा में ही करना चाहिए, अधिक मात्रा में सेवन से नकरात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया: जो लोग अन्य दवाएं ले रहे हों, उन्हें गोखरू का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि यह अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है।
प्रेगनेंसी और स्तनपान: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करा रही महिलाओं को गोखरू का सेवन नहीं करना चाहिए जब तक डॉक्टर द्वारा सलाह न दी जाए।
संक्षेप में, गोखरू एक प्राचीन जड़ी-बूटी है जिसका प्रयोग गुर्दे की पथरी के इलाज में किया जाता है। फिर भी, इसका सेवन करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।