गुर्दे की पथरी वह ठोस पदार्थ होती है जो गुर्दे में बनती है और वहाँ से मूत्राशय तक चली जाती है। इससे व्यक्ति को अधिक पीड़ा होती है, और यदि यह समस्या उपचार नहीं होती तो गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। अधिकांश पथरी आवश्यकता अनुसार आपरेशन से निकाली जा सकती है, परंतु कुछ घरेलू उपाय भी होते हैं जिससे इस समस्या को कम किया जा सकता है।
ज्वार ऐसा एक अनाज है जिसे कई लोग अपने आहार में शामिल करते हैं। इसके फायदे अनेक होते हैं, और कहा जाता है कि यह गुर्दे की पथरी के उपचार में भी सहायक होता है।
ज्वार के फायदे:
पोषक तत्व से भरपूर: ज्वार में सीलेनियम, जिंक, और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो गुर्दे के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
जलन और सूजन कम करना: ज्वार में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुर्दे में जलन और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
मूत्र संबंधित समस्याओं के उपचार में: ज्वार का सेवन मूत्र संबंधित समस्याओं, जैसे अधिक मूत्र आना, मूत्र में जलन होना आदि, को दूर करने में मदद कर सकता है।
ज्वार से गुर्दे की पथरी का इलाज:
ज्वार से गुर्दे की पथरी का इलाज करने का तरीका बहुत ही साधारण है। इसे आप अपने दिनचर्या में आसानी से शामिल कर सकते हैं।
ज्वार का आटा: ज्वार के आटे को पानी में अच्छे से मिलाकर उससे रोटी बना सकते हैं। इस रोटी का सेवन करने से गुर्दे की पथरी से मुक्ति पाने में मदद मिलती है।
ज्वार की खिचड़ी: ज्वार के दाने को धूली मूंग की दाल के साथ मिलाकर खिचड़ी बना सकते हैं। यह खाने में स्वादिष्ट होती है और गुर्दे की पथरी के उपचार में भी लाभकारी होती है।
ज्वार का दलिया: ज्वार को पीसकर दलिया बना सकते हैं और इसे दूध या पानी के साथ पकाकर खा सकते हैं।
सावधानियाँ:
हालांकि ज्वार से गुर्दे की पथरी का इलाज संभव है, फिर भी यदि आपको अधिक पीड़ा हो रही हो या आपको लगे कि पथरी बड़ी हो गई है, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें। ज्वार से उपचार केवल सहायक उपाय होते हैं, प्रमुख उपचार के रूप में इस पर निर्भर नहीं किया जाना चाहिए।
अंत में, ज्वार एक स्वास्थ्यप्रद अनाज है जिसे आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। इसके सेवन से गुर्दे की पथरी और अन्य समस्याओं से राहत मिल सकती है, परंतु चिकित्सकीय सलाह बिना किसी भी उपाय को अपनाने से पहले सोच समझ कर कदम उठाएं।