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Gurde Ki Pathri : बही से गुर्दे की पथरी का इलाज



Gurde Ki Pathri : बही से गुर्दे की पथरी का इलाज

गुर्दे की पथरी एक सामान्य समस्या है जिससे अनेक लोग प्रभावित होते हैं। इस समस्या के कारण पीड़ा और असुविधा हो सकती है। हालांकि, प्राचीन आयुर्वेद में इसके प्राकृतिक उपाय भी उल्लेखित हैं। एक ऐसा ही प्राकृतिक उपाय है बही का प्रयोग। बही, जिसे हिंदी में 'बेल' या 'बही' कहते हैं, एक प्रकार की वनस्पति है जिसके अनेक औषधीय गुण होते हैं।

बही के औषधीय गुण:

बही का पेड़ एक विषेष प्रकार का होता है जिसकी चाल, फल और पत्तियां आयुर्वेद में औषधीय उपयोग में ली जाती हैं। इसके फल में विटामिन और मिनरल्स अच्छी खासी मात्रा में होते हैं, जिससे यह शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण भी होते हैं जो शरीर से फ्री रेडिकल्स को बाहर निकालते हैं।

गुर्दे की पथरी के लिए बही:

गुर्दे की पथरी को बाहर निकालने में बही का रस फायदेमंद होता है। बही के रस में एक विशेष प्रकार का तत्व होता है जो पथरी को मुलायम करके उसे बाहर निकालने में मदद करता है।

उपयोग:


  1. बही के पके हुए फल को अच्छी तरह से पीसकर उसका रस निकाल लें।

  2. इस रस को सुबह-सुबह खाली पेट पीने से पथरी के निकास में मदद मिलती है।

  3. इस प्रक्रिया को हर रोज लगभग १ महीने तक जारी रखने से पथरी पूरी तरह से बाहर निकल जाती है।


सावधानियां:

हालांकि बही के रस का सेवन फायदेमंद है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन करना चाहिए। किसी भी प्रकार की प्राकृतिक चिकित्सा से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

निष्कर्ष:

गुर्दे की पथरी एक पीड़ादायक समस्या हो सकती है, लेकिन प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है। बही का सेवन एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका हो सकता है पथरी के इलाज में, लेकिन इससे पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। आपकी सेहत के लिए सही जानकारी और सही मार्गदर्शन महत्वपूर्ण है।


 
 

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