गुर्दे की पथरी एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जिससे बहुत सारे लोग प्रभावित होते हैं। इससे पीड़ा, जलन और अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। परंपरागत औषधियों में यम्स (जिसे हिंदी में 'रतालू' या 'शकरकंद' कहते हैं) का महत्वपूर्ण स्थान है, जो गुर्दे की पथरी के इलाज में सहायक हो सकता है।
यम्स क्या हैं?
यम्स एक प्रकार की जड़ी-बूटी है, जो खासकर उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में उगती है। इसके अनेक स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे कि पाचन में सहायक, रक्तचाप को नियंत्रित करना और शरीर के अनेक विकारों में राहत प्रदान करना।
यम्स और गुर्दे की पथरी:
सूजन कम करना: यम्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गुर्दों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। जब गुर्दों में पथरी होती है, तो यह सूजन पैदा कर सकती है, जिससे जलन और पीड़ा हो सकती है।
अक्सीडेंट से बचाव: यम्स में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो शरीर में उत्पन्न होने वाले हानिकारक मुक्त रेडिकल्स से शरीर की सुरक्षा करते हैं। इससे गुर्दों को नुकसान पहुंचने से बचाया जा सकता है।
मूत्र प्रवाह में सुधार: यम्स के सेवन से मूत्र का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे पथरी के टुकड़े आसानी से बाहर निकल सकते हैं।
सेवन विधि:
यम्स को उबालकर, भापी या फ्राई किए बिना खाना चाहिए। इसे सलाद में भी शामिल किया जा सकता है। यम्स का जूस भी पी सकते हैं।
निष्कर्ष:
हालांकि यम्स से गुर्दे की पथरी का इलाज संभावित है, फिर भी इसे अपने डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए। अगर आपको लगता है कि आपको गुर्दे की पथरी हो सकती है, तो तुरंत मेडिकल परामर्श लेना चाहिए। यम्स सेवन करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।