गुर्दे की पथरी आम तौर पर जब यूरिन में अधिक राशि में मिनरल्स जैसे कि कैल्शियम, उरिक एसिड या ऑक्सलेट जमा हो जाते हैं, तो वह पथरी बन जाते हैं। यह समस्या दर्द, मूत्र में खून और अन्य समस्याएं पैदा कर सकती है। कई प्राकृतिक उपाय हैं जो पथरी को तोड़ने में मदद कर सकते हैं, और रोजमैरी उनमें से एक है।
रोजमैरी, जिसे रोस्मैरिनस ऑफिसिनालिस के नाम से जाना जाता है, मुख्य रूप से यूरोपीय देशों में पाया जाता है और इसका उपयोग मसाले और आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है।
रोजमैरी के फायदे:
शोधन प्रक्रिया: रोजमैरी में उपस्थित अनेक गुण शरीर में ज़हरीले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जो गुर्दे की पथरी का कारण बन सकते हैं।
मूत्र प्रवृत्ति को बढ़ावा: रोजमैरी मूत्र प्रवृत्ति को बढ़ावा देने में मदद करती है, जिससे पथरी का आकार छोटा हो सकता है और यह आसानी से बाहर निकल सकता है।
सूजन को कम करना: रोजमैरी में उपस्थित जिंक और अन्य मिनरल्स सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
उपयोग:
रोजमैरी का उपयोग तीन प्रमुख तरीकों से किया जा सकता है:
चाय: रोजमैरी की पत्तियों को पानी में उबालकर चाय तैयार की जा सकती है। इस चाय को दिन में दो-तीन बार पीने से गुर्दे की पथरी पर प्रभाव पड़ता है।
तेल: रोजमैरी का तेल भी बाजार में उपलब्ध है। इसे सीधे पी सकते हैं या सलाद और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलाकर खा सकते हैं।
सूखी पत्तियां: रोजमैरी की सूखी पत्तियां भी कैप्सूल या पाउडर के रूप में उपलब्ध हैं।
सावधानियां:
हालांकि रोजमैरी से गुर्दे की पथरी का इलाज संभव है, लेकिन इससे पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। अधिक मात्रा में रोजमैरी का सेवन किसी भी समस्या का कारण बन सकता है।
अंत में, गुर्दे की पथरी के इलाज में रोजमैरी का उपयोग एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका हो सकता है। हालांकि, इससे पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।