व्हाइट विलो बार्क, जिसे सफेद विलो की छाल भी कहा जाता है, एक प्राचीन हेर्बल उपाय है जिसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए किया जाता है। अधिकांश लोग इसे दर्द और ज्वर को कम करने के लिए जानते हैं, क्योंकि इसमें सलिसिलिक एसिड होता है, जो एस्पिरिन के मुख्य घटक है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह गुर्दे की पथरी के इलाज में भी मदद कर सकता है?
गुर्दे की पथरी आमतौर पर कैल्शियम, अक्सेलेट, फॉस्फेट, या उरिक एसिड से बनी होती है, जो गुर्दे में जमा हो जाती हैं। ये पथरियाँ छोटी हो सकती हैं या बड़ी, और कई बार इन्हें पास करना दर्दनाक होता है।
व्हाइट विलो बार्क अंत में कैसे मदद करता है? पहली बात, इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। जब गुर्दे में पथरी होती है, तो सूजन का सामना करना पड़ता है, जिससे दर्द होता है। व्हाइट विलो बार्क का सेवन करने से सूजन में कमी होती है, और इससे दर्द में राहत मिलती है।
दूसरी बात, इसमें दिए गए एंटी-स्पास्मोडिक गुण गुर्दे की पथरी के दर्द को भी कम करते हैं। जब पथरी गुर्दे की नलिका में फंस जाती है, तो यह स्पास्म्स का कारण बनती है, जो दर्दनाक होते हैं। व्हाइट विलो बार्क के एंटी-स्पास्मोडिक गुण इस स्पास्म को रोकने में मदद करते हैं।
तीसरी और महत्वपूर्ण बात, व्हाइट विलो बार्क दियुरेटिक गुणों के साथ आता है, जो मूत्र प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं। जब आप अधिक मात्रा में पानी पीते हैं और व्हाइट विलो बार्क का सेवन करते हैं, तो यह गुर्दे की पथरी को बाहर निकालने में मदद करता है।
हालांकि, जैसा कि हर हेर्बल उपाय के साथ होता है, यह भी महत्वपूर्ण है कि आप अपने चिकित्सक से सलाह लें अगर आप व्हाइट विलो बार्क का सेवन करने का विचार कर रहे हैं। कुछ लोगों को इसके सेवन से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है।
संपूर्णत: व्हाइट विलो बार्क गुर्दे की पथरी के इलाज में प्रभावी हो सकता है, लेकिन इसे सही तरीके से और चिकित्सक की सलाह पर ही उपयोग करना चाहिए।