top of page
Search

Gurde Ki Pathri : सूखा तुलसी से गुर्दे की पथरी का इलाज


Gurde Ki Pathri : सूखा तुलसी से गुर्दे की पथरी का इलाज

तुलसी, जिसे हिंदू धर्म में एक पवित्र पौधा माना जाता है, वह सिर्फ भक्ति में ही नहीं बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके अनेक औषधीय गुण हैं जिनमें से एक गुण है गुर्दे की पथरी का इलाज।

तुलसी के औषधीय गुण:


तुलसी में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण होते हैं। इसका सेवन करने से शरीर के अंदर की गंदगी बाहर निकल जाती है और शरीर में नयापन आता है।

गुर्दे की पथरी और इसके लक्षण:


गुर्दे की पथरी तब होती है जब गुर्दे में मिनरल और लवण के कण जमा हो जाते हैं। इसके लक्षण हैं - पीठ या पेट में तेज दर्द, मूत्र में रक्त, मूत्र में जलन आदि।

तुलसी और गुर्दे की पथरी:


तुलसी में उरिक एसिड को कम करने की क्षमता होती है, जो गुर्दे की पथरी के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, तुलसी गुर्दों के उपयोगकर्ताओं को शुद्ध करने में भी सहायक होती है।

तुलसी का उपयोग कैसे करें:


  1. तुलसी की चाय: सूखा तुलसी को पानी में उबालकर चाय बना सकते हैं। इसे पीने से गुर्दे को साफ करने में मदद मिलती है।

  2. तुलसी का रस: हरे तुलसी के पत्तों का रस निचोड़कर उसमें शहद मिलाकर पी सकते हैं। इससे गुर्दे की पथरी में आराम मिलता है।


सावधानियां:


हालांकि तुलसी नेचुरल और सुरक्षित है, फिर भी इसका अधिक सेवन करने से शरीर में कुछ प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं। अतः, किसी भी प्राकृतिक उपचार को अपनाने से पहले चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।

निष्कर्ष:


तुलसी के अनेक औषधीय गुण होते हैं और यह गुर्दे की पथरी के इलाज में भी प्रभावी होती है। फिर भी, यह एक सहायक उपचार है, और पूरी तरह से निदान और उपचार के लिए चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।


 
 

​ सही समाधान चुनें ! ऑपरेशन से बचेंl 

30 MM

​तक पथरी का बिना ऑपरेशन पक्का इलाज 

Contact Us

WhatsApp.svg.png

9773756204

8800941664

© 2018 Bionexus Stone Research Centre, All Rights Reserved.

bottom of page