Kidney Stones : अखरोट से गुर्दे की पथरी का इलाज
- Bionexus India
- Oct 4, 2023
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दालचीनी भारतीय रसोई का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यह सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि अपने आयुर्वेदिक गुणों के लिए भी प्रसिद्ध है। दालचीनी में सेवेरल अंतिऑक्सीडेंट और जीवनुनाशक गुण होते हैं जो शरीर को अनेक रोगों से बचाव कर सकते हैं। यहां हम गुर्दे की पथरी के इलाज में दालचीनी के उपयोग की चर्चा करेंगे।
दालचीनी के गुण:
उत्तेजक: दालचीनी में उत्तेजना बढ़ाने वाले गुण होते हैं जो पेशाब की प्रवृत्ति को बढ़ाते हैं। यह गुर्दे की पथरी को निकालने में मदद कर सकता है।
वात-पित्त शामक: दालचीनी वात और पित्त दोनों को शामित करने में सहायक होता है, जिससे शरीर में सूजन और दर्द कम हो सकता है।
गुर्दे की पथरी के इलाज में दालचीनी का उपयोग:
दालचीनी की चाय: दालचीनी की चाय बनाने के लिए आधा चमच दालचीनी पाउडर को एक कप पानी में उबालें और उसे ठंडा होने दें। इस चाय को दिन में दो बार पीने से पेशाब की प्रवृत्ति में वृद्धि होती है, जिससे पथरी के टुकड़े आसानी से बाहर निकल सकते हैं।
दालचीनी और शहद: एक चमच शहद में आधा चमच दालचीनी पाउडर मिलाकर सुबह-सुबह खाली पेट लेने से गुर्दे की पथरी पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
दालचीनी तेल: दालचीनी का तेल भी मासाज के लिए उपयोग किया जा सकता है, जो पथरी के दर्द को कम कर सकता है।
सावधानियां:
अधिक मात्रा में दालचीनी का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, सीमित मात्रा में ही इसका उपयोग करें।
अगर आप किसी अन्य बीमारी के इलाज में हैं या कोई दवा ले रहे हैं, तो दालचीनी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
दालचीनी एक प्राकृतिक उपचार है और इससे तुरंत राहत मिलने की संभावना नहीं है। इसलिए, यदि पथरी की समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो तुरंत मेडिकल एडवाइस लें।
निष्कर्ष:
दालचीनी में कई औषधीय गुण होते हैं जो गुर्दे की पथरी के इलाज में मददगार साबित हो सकते हैं। फिर भी, इसका सही तरीके से और सुरक्षित रूप से उपयोग करने के लिए विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। आयुर्वेदिक उपचार के साथ ही संबंधित लक्षणों की अनदेखी न करें और यदि जरूरत हो, तो आलोपैथिक उपचार भी लें।