गुर्दे की पथरी आमतौर पर केल्शियम, अक्सेलेट, यूरिक एसिड या अन्य पदार्थों से बनती है, जो मूत्र में जमा हो जाते हैं। यदि पथरी छोटी है, तो यह स्वतः ही बाहर निकल सकती है, लेकिन बड़ी पथरी दर्द और संक्रमण का कारण बन सकती है।
अमरंथ, जिसे हिंदी में 'रामदाना' भी कहा जाता है, प्राचीन अनाज है जो भारत में सदियों से उपयोग हो रहा है। अमरंथ के तेल का उपयोग खानपान और आयुर्वेदिक इलाज में होता है।
अमरंथ तेल के फायदे:
सेहत के लिए: अमरंथ तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स, विटामिन ई, स्क्वालेन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं।
ज्वररोधक गुण: यह तेल शरीर की सूजन को कम करने में मदद करता है।
अमरंथ तेल और गुर्दे की पथरी:
जबकि अमरंथ तेल के अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं, उसका सीधा संबंध गुर्दे की पथरी से नहीं है। हालांकि, कुछ अनुमान लगाया जाता है कि अमरंथ तेल में पाए जाने वाले ज्वररोधक गुण और अन्य पोषक तत्व गुर्दे की सही कार्यक्षमता के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, जो पथरी के जोखिम को कम कर सकते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को गुर्दे की पथरी हो, तो वह निम्नलिखित उपायों का अनुसरण कर सकता है:
पानी की अधिक मात्रा में सेवन: पानी पीने से मूत्र प्रवाहित होता है और पथरी को बाहर निकलने में मदद मिलती है।
नमक की मात्रा कम करें: अधिक नमक का सेवन पथरी के जोखिम को बढ़ा सकता है।
संतुलित आहार: फास्फोरस, ओक्सलेट और कैल्शियम जैसे पदार्थों का सेवन संतुलित रखें।
आखिर में, यदि किसी को गुर्दे की पथरी का संदेह हो, तो वह अपने चिकित्सक से सलाह लेने के लिए संपर्क करें। अमरंथ तेल का सेवन भी चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए। अमरंथ तेल के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन इसे पथरी का प्रमुख इलाज मानना उचित नहीं होगा।