इमली (तामरिंद) एक ऐसा फल है जो भारत में व्यापक रूप से प्रयोग होता है। यह सिर्फ स्वादिष्ट नहीं होता बल्कि उसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। कई लोग इमली को गुर्दे की पथरी के उपचार में भी प्रयोग करते हैं। आइये समझते हैं कैसे:
इमली में एसिडिक गुण: इमली में तामरिंदिक एसिड होता है, जिससे वह अपनी अम्लीयता प्राप्त करता है। इस अम्लीयता का सीधा असर पथरी पर होता है, जिससे पथरी धीरे-धीरे घुलकर बाहर निकल सकती है।
पेशाब की मात्रा बढ़ाना: इमली दिह्यद्रेशन के प्रक्रिया में सहायक होती है जिससे शरीर में पानी की मात्रा बढ़ती है और पेशाब अधिक आता है। अधिक पेशाब के कारण पथरी के टुकड़े आसानी से बाहर निकल जाते हैं।
अंताओं को साफ करना: इमली एक प्राकृतिक लैक्सेटिव है जो अंताओं को साफ करने में मदद करता है। यदि अंत में कोई संक्रमण होता है, जो पथरी का कारण बन सकता है, तो इमली उसे दूर करने में मदद करती है।
मिनरल्स और विटामिन्स: इमली में सी, ई और बी विटामिन तथा मिनरल्स जैसे मैग्नीजियम, पोटैशियम आदि होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं और गुर्दे की सही तरह से कार्य करने में मदद करते हैं।
प्राकृतिक दर्दनिवारक: इमली में अंतिओक्सीडेंट गुण होते हैं जो प्राकृतिक रूप से दर्द और सूजन को कम करते हैं। इससे पथरी से होने वाले दर्द में आराम मिलता है।
इमली का प्रयोग कैसे करें:
इमली की गुठली को निकालकर उसकी चटनी तैयार कर सकते हैं और रोजाना खाने के साथ प्रयोग कर सकते हैं।
इमली का रस भी प्रयोग में लिया जा सकता है। इसके लिए इमली को पानी में अच्छी तरह भिगोकर रस निकाल लें और रोज पी सकते हैं।
सावधानियां:
हालांकि इमली के कई फायदे हैं, फिर भी इसका अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। उचित मात्रा में ही इसका प्रयोग करना चाहिए।
आखिर में, यदि आपको लगता है कि आपको गुर्दे की पथरी है, तो सबसे पहली बार में डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इमली का सेवन केवल एक पारंपरिक उपाय है, और इसके प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।