Kidney Stones : चिकोरी रूट से गुर्दे की पथरी का इलाज
- Bionexus India
- Oct 6, 2023
- 2 min read
चिकोरी (Chicory) एक प्राकृतिक पौधा है, जिसे भारत में आमतौर पर 'कासनी' के नाम से जाना जाता है। इस पौधे की जड़ों का उपयोग शताब्दियों से आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार में होता आया है। गुर्दे की पथरी एक ऐसी समस्या है, जिसमें गुर्दे में पथरी या क्रिस्टल्स बन जाते हैं। चिकोरी की जड़ में उपस्थित विभिन्न उपयोगी गुण इस समस्या के प्रबंधन में मदद कर सकते हैं।
चिकोरी रूट के गुण:
दीर्घकालिक प्रयोग: चिकोरी की जड़ें में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, और विटामिन्स होते हैं जो शरीर के विभिन्न कार्यों में सहायक होते हैं।
वाटर सोल्यूबल फाइबर: चिकोरी जड़ में इन्यूलिन नामक एक वाटर सोल्यूबल फाइबर होता है, जिसे प्रीबियोटिक माना जाता है। इससे पेट की सही गतिविधियां होती हैं, जो अन्य रूप से शरीर में टॉक्सिन्स के जमाव को रोकने में मदद करता है।
चिकोरी और गुर्दे की पथरी:
उत्सर्जन प्रक्रिया में सहायक: चिकोरी रूट शरीर में तरल पदार्थों के संचार को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह शरीर से अधिक मात्रा में पानी और नमक निकालने में मदद करता है, जिससे पथरी बनने का खतरा कम होता है।
आंतरिक सोजन को कम करना: चिकोरी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गुर्दों में सोजन को कम कर सकते हैं। यह गुर्दों की स्वस्थ गतिविधियों को बहाल रखने में मदद करता है।
उपयोग:
चिकोरी रूट का चूर्ण या पाउडर बना कर उसे पानी या चाय में मिलाकर पिया जा सकता है। इसका नियमित सेवन गुर्दे की सही गतिविधियों को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
सावधानियां:
सीमित मात्रा में सेवन: अधिक मात्रा में चिकोरी का सेवन करने से पेट में दर्द और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
गर्भवती और धूलपन महिलाओं को सावधान: गर्भवती और धूलपन महिलाओं को चिकोरी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
निष्कर्ष:
चिकोरी रूट के अनेक आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य लाभ हैं, जो गुर्दे की पथरी और अन्य समस्याओं के प्रबंधन में मदद कर सकते हैं। हालांकि, इसका सही और सुरक्षित तरीके से सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसके सेवन से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।