Kidney Stones : ताजी हल्दी से गुर्दे की पथरी का इलाज
- Bionexus India
- Oct 10, 2023
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गुर्दे की पथरी एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुर्दे में पत्थर के समान ठोस रूप में अवशेष बन जाते हैं। यह अवशेष चारों ओर से तेज़ होते हैं और जब यह गुर्दे से मूत्र की नली में चलते हैं तो वे दर्द और सूजन का कारण बनते हैं।
हल्दी, विशेष रूप से ताजा हल्दी, अनेक आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपचार में प्रयुक्त होती है। इसके अनेक औषधीय गुण हैं जो शरीर की कई समस्याओं के लिए उपयोगी होते हैं। ताजी हल्दी में कुर्कुमिन नामक एक यौगिक होता है, जिससे इसके जीवनीशील और जलन शामक गुण होते हैं।
ताजी हल्दी के लाभ गुर्दे की पथरी के लिए:
श्लेष्मनाशक: हल्दी में मौजूद कुर्कुमिन गुर्दे की पथरी के विकास में जिम्मेदार श्लेष्म को नष्ट कर सकता है।
प्रदाह शामक: हल्दी के प्रदाह शामक गुण से पथरी के कारण होने वाली जलन और सूजन को कम किया जा सकता है।
विरोधी उपचार: हल्दी के जीवनीशील गुण से अन्य संक्रामक जीवाणुओं और बैक्टीरिया से रक्षा हो सकती है, जो पथरी के विकास में भूमिका निभा सकते हैं।
ताजी हल्दी से पथरी के इलाज के तरीके:
हल्दी का पानी: ताजी हल्दी को पीसकर इसकी पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को गरम पानी में मिलाकर पीएं। यह पानी नियमित रूप से पीने से पथरी का इलाज हो सकता है।
हल्दी का दूध: हल्दी को दूध में मिलाकर उसे उबालें। इस दूध को पीने से भी पथरी में आराम मिल सकता है।
हालांकि, ताजी हल्दी से गुर्दे की पथरी का इलाज प्राचीन समय से किया जा रहा है, फिर भी यह एक प्राकृतिक उपचार है और यह आवश्यक है कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लें और उनकी दी गई सलाह का पालन करें। अधिकांश मामलों में, ताजी हल्दी का सेवन सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ व्यक्तियों को इससे एलर्जी या अन्य प्रतिक्रिया हो सकती है। इसलिए, इसे सेवन करने से पहले सतर्कता बरतें।
निष्कर्ष:
ताजी हल्दी गुर्दे की पथरी के इलाज में उपयोगी हो सकती है। इसके औषधीय गुण पथरी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, इसे उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।