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Kidney Stones : तुलसी के पत्तों से गुर्दे की पथरी का इलाज


Kidney Stones : तुलसी के पत्तों से गुर्दे की पथरी का इलाज

तुलसी भारतीय संस्कृति में एक पवित्र पौधा माना जाता है और यह अनेक आयुर्वेदिक औषधियों में भी प्रमुख भूमिका निभाता है। तुलसी के अनेक गुणों में से एक गुण यह भी है कि यह गुर्दे की पथरी का इलाज में सहायक होता है।

गुर्दे की पथरी जब गुर्दे में मिनरल्स और अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं, तब बनती है। यह दर्दनाक होती है और यदि समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाए तो यह जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

आयुर्वेद में माना जाता है कि तुलसी के पत्तों में ऐसे यौगिक होते हैं जो गुर्दे की पथरी को मुलायम कर देते हैं और उसे पेशाब के साथ बाहर निकाल देते हैं।

तुलसी के पत्तों से गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए प्रमुख नुस्खे:


  1. तुलसी का काढ़ा:

    • तुलसी के 10-15 पत्ते लें और उन्हें अच्छे से मौजूद बैक्टीरिया और अन्य कीटाणुओं से मुक्ति पाने के लिए अच्छे से धो लें।

    • इन पत्तों को 1-2 गिलास पानी में डाल कर उसे उबालें।

    • पानी की मात्रा आधी हो जाने पर चान लें।

    • इस काढ़ा को प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीएं।

  2. तुलसी और शहद:

    • तुलसी के पत्तों का रस निकालें और उसमें बराबर मात्रा में शहद मिला लें।

    • इस मिश्रण को प्रतिदिन सुबह खाली पेट लें।

  3. तुलसी और नींबू:

    • तुलसी के पत्तों का रस और नींबू का रस मिलाकर पीने से भी गुर्दे की पथरी में आराम मिलता है।


यद्यपि तुलसी गुर्दे की पथरी का इलाज में सहायक होती है, फिर भी इससे पूरी तरह से ठीक हो जाने की कोई गारंटी नहीं है। यदि पथरी की समस्या बड़ी है या अधिक समय तक बनी रहती है, तो चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

निष्कर्ष:

तुलसी के पत्तों में स्वाभाविक गुण होते हैं जो गुर्दे की पथरी को निकालने में सहायक होते हैं। यद्यपि इसके अनेक फायदे हैं, लेकिन इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह लेना अवश्यक है।



 
 

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