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Kidney Stones : पपीता के बीज से गुर्दे की पथरी का इलाज


Kidney Stones : पपीता के बीज से गुर्दे की पथरी का इलाज

पपीता एक लोकप्रिय फल है जिसे भारत सहित अन्य देशों में भी खाया जाता है। इसके स्वास्थ्य लाभ भी अनगिनत हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पपीता के बीज भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं? विशेष रूप से जब बात गुर्दे की पथरी के इलाज की हो।

गुर्दे की पथरी क्या है?


गुर्दे की पथरी तब बनती है जब गुर्दे में मौजूद अनावश्यक पदार्थ जैसे कि कैल्शियम, ऑक्सलेट या यूरिक एसिड के कण जमा होकर ठोस रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। ये पथरी छोटी हो सकती है जो मूत्र मार्ग के माध्यम से बाहर निकल जाती है, या बड़ी हो सकती है जो दर्द और संक्रमण का कारण बनती है।

पपीता के बीज और गुर्दे की पथरी:


पपीता के बीजों में पैपाइन नामक एक एंजाइम होता है जिसे माना जाता है कि यह पथरी के कणों को तोड़ने में मदद करता है। इस एंजाइम की उपस्थिति के कारण, पपीता के बीज गुर्दे की पथरी को पिघलाने और उसे शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं।

पपीता के बीज का सेवन कैसे करें?


  1. पपीता के बीज चूर्ण: पपीता के बीज को सूखा लिया जा सकता है और इसे चूर्ण बनाया जा सकता है। इस चूर्ण को रोजाना पानी या दूध के साथ लेने से पथरी पर नियंत्रण पा सकते हैं।

  2. पपीता के बीज का पेस्ट: पपीता के ताजा बीजों को पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को पानी या अन्य पेय पदार्थों में मिलाकर रोजाना सेवन किया जा सकता है।


सावधानियाँ:


हालांकि पपीता के बीजों का सेवन किसी भी साइड इफेक्ट के बिना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन से पेट में उलझन या अन्य पाचक संक्रमण हो सकता है।

निष्कर्ष:


पपीता के बीज गुर्दे की पथरी के इलाज में सहायक हो सकते हैं, लेकिन यह भी जरूरी है कि आप अपने चिकित्सक से सलाह लें। आपके चिकित्सक ही बता सकते हैं कि पपीता के बीज आपकी स्थिति में कितने फायदेमंद हैं और कितनी मात्रा में इनका सेवन करना चाहिए। इसलिए, पपीता के बीज का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।


 
 

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