top of page
Search

Kidney Stones : पानी साग से गुर्दे की पथरी का इलाज


Kidney Stones : पानी साग से गुर्दे की पथरी का इलाज

गुर्दे की पथरी एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जिसका सामना बहुत सारे लोग करते हैं। पथरी गुर्दों में जमा हुए खनिज और नमक की क्रिस्टल्स से बनती है, जो अकेले या एक साथ जमा हो सकते हैं। इसका इलाज आधुनिक और पारंपरिक दोनों तरह से होता है। एक पारंपरिक तरीका है पानी साग का उपयोग करना।

पानी साग क्या है?

पानी साग भारत में पाए जाने वाले एक प्रकार की सब्जी है, जिसे इंग्लिश में "Water Spinach" के नाम से जाना जाता है। यह जलीय पेड़पौधों में से एक है और इसके पत्तियां और तना खाने के लिए उपयोग होता है। पानी साग में कई पोषक तत्व होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

पानी साग और पथरी:


  1. पोषक तत्व: पानी साग में विटामिन C, आयरन, कैल्शियम और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। इन पोषक तत्वों की मात्रा शरीर में संतुलित रूप में रहने पर पथरी के जोखिम को कम कर सकती है।

  2. मूत्र प्रवाह में सुधार: पानी साग में पाए जाने वाले कुछ यौगिक शरीर में मूत्र प्रवाह को बढ़ावा दे सकते हैं। जब मूत्र प्रवाह बढ़ता है, तो पथरी के निर्माण की संभावना कम होती है।

  3. अन्य गुण: पानी साग में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लैमेटरी गुण भी होते हैं, जो सूजन और मूत्र प्रणाली में संक्रमण के खिलाफ रक्षा करते हैं।


पानी साग का उपयोग कैसे करें:


  1. फ्रेश पानी साग: ताजा पानी साग को धोकर सलाद के रूप में या पकाकर भी खाया जा सकता है।

  2. पानी साग का जूस: पानी साग को धोकर मिक्सी में पीसकर जूस निकाल सकते हैं। इसे पीने से पथरी की समस्या में आराम मिल सकता है।


सावधानियां:


  1. यदि आप किसी और दवा का सेवन कर रहे हैं, तो पानी साग का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

  2. पानी साग के अत्यधिक सेवन से पेट में असहजता या अन्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।


निष्कर्ष:

पानी साग से गुर्दे की पथरी का इलाज संभव है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले सही जानकारी और डॉक्टर की सलाह जरूर लें। यह एक प्राकृतिक उपाय है, जिससे साइड इफेक्ट्स की संभावना कम होती है, लेकिन फिर भी सतर्क रहना चाहिए।


​ सही समाधान चुनें ! ऑपरेशन से बचेंl 

30 MM

​तक पथरी का बिना ऑपरेशन पक्का इलाज 

Contact Us

WhatsApp.svg.png

9773756204

8800941664

© 2018 Bionexus Stone Research Centre, All Rights Reserved.

bottom of page