गुर्दे की पथरी एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जिससे अनेक लोग प्रभावित होते हैं। इसे अन्य भाषाओं में रेनल स्टोन्स या किडनी स्टोन्स के नाम से भी जाना जाता है। यह पथरी तब बनती है जब गुर्दे में मौजूद मिनरल्स और साल्ट्स इकट्ठा होकर ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं।
अब, जब बात चलती है गुर्दे की पथरी के प्राकृतिक इलाज की, तो बीट ग्रीन्स (चुकंदर की पत्तियाँ) उसमें एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। आइए जानते हैं कैसे:
उचित पोषण: बीट ग्रीन्स में सेलेनियम, बीटा-कैरोटीन, विटामिन C, कैल्शियम, और पोटैशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व गुर्दे को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और पथरी के निर्माण की संभावना को कम करते हैं।
जल निकासी बढ़ाना: बीट ग्रीन्स में डायूरेटिक गुण होते हैं, जिससे शरीर में अधिक मात्रा में पानी और नमक का निकासन होता है। ज्यादा पानी का निकासन पथरी के निर्माण की संभावना को कम करता है।
प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट: बीट ग्रीन्स में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर से फ्री रैडिकल्स को नष्ट करते हैं। फ्री रैडिकल्स गुर्दे की क्षति को बढ़ा सकते हैं और पथरी के निर्माण में भी योगदान कर सकते हैं।
एसिडिटी कम करना: बीट ग्रीन्स उरिन की एसिडिटी को कम करने में मदद करते हैं, जिससे उरिन में पथरी का निर्माण होने की संभावना कम होती है।
प्रोतीन की मात्रा नियंत्रित करना: बीट ग्रीन्स शरीर में अधिक प्रोतीन के सेवन को नियंत्रित करते हैं, जिससे उरिन में अधिक प्रोतीन जाने की संभावना कम होती है। प्रोतीन की अधिक मात्रा उरिन में पथरी के निर्माण का कारण बन सकती है।
इस प्रकार, बीट ग्रीन्स गुर्दे की पथरी को नियंत्रित करने और उसे निवारण करने में सहायक होते हैं। हालांकि, यह जरूरी है कि अगर किसी को गुर्दे की पथरी की समस्या है तो वह डॉक्टर की सलाह जरूर ले। प्राकृतिक उपचार केवल समर्थन के रूप में अपनाए जाने चाहिए और मुख्य चिकित्सा के रूप में नहीं।