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Kidney Stones : बेल फ्रूट से गुर्दे की पथरी का इलाज


Kidney Stones : बेल फ्रूट से गुर्दे की पथरी का इलाज

बेल (Bael) जिसे अंग्रेजी में 'Wood Apple' भी कहा जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला एक फल है। बेल का फल, पत्ते और जड़ सभी आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस्तेमाल होते हैं। बेल फ्रूट को अनेक स्वास्थ्य लाभ के लिए जाना जाता है, जिसमें गुर्दे की पथरी का इलाज भी शामिल है।

गुर्दे की पथरी क्या है?


गुर्दे की पथरी तब होती है, जब गुर्दे में उपस्थित मिनरल्स और नमक जमा होकर ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं। यह पथरी अलग-अलग आकार में हो सकती है और यह दर्द और अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

बेल और गुर्दे की पथरी:


  1. मूत्र प्रवाह को बढ़ावा: बेल का रस शरीर में मूत्र प्रवाह को बढ़ाने में मदद कर सकता है। जब मूत्र प्रवाह बढ़ता है, तो गुर्दे से अधिक तत्व निकल जाते हैं, जिससे पथरी के निर्माण की संभावना कम होती है।

  2. विषैल पदार्थों को निकालना: बेल में उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट शरीर से विषैल पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जो पथरी के निर्माण में भाग लेते हैं।

  3. शारीरिक उपचारिक गुण: बेल के पत्तों और फल में पाए जाने वाले उपचारिक गुण गुर्दे की पथरी के उपचार में मददगार साबित हो सकते हैं।


बेल से गुर्दे की पथरी के इलाज की विधि:


  1. बेल का शर्बत: बेल के फल को अच्छे से दबा कर इसका रस निकालें। इस रस में थोड़ा पानी मिला कर शर्बत तैयार करें। इस शर्बत को प्रतिदिन पीने से गुर्दे की पथरी पर नियंत्रण पा सकते हैं।

  2. बेल के पत्तों का काढ़ा: बेल के पत्तों को पानी में उबालें और इसका काढ़ा तैयार करें। इसे ठंडा करके पिएं। यह भी पथरी के इलाज में मददगार होता है।

सावधानियां:

  1. बेल से गुर्दे की पथरी के इलाज की सभी विधियों को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

  2. अगर आपको बेल से कोई एलर्जी हो, तो इसे सेवन न करें।

निष्कर्ष:


बेल एक प्राकृतिक उपाय है जिसे गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। फिर भी, इसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। यदि पथरी की समस्या बढ़ती जाए तो तत्परता से चिकित्सक के पास जाएं।


 
 

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