Kidney Stones : रोजमैरी से गुर्दे की पथरी का इलाज
- Bionexus India
- Oct 6, 2023
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गुर्दे की पथरी एक आम समस्या है जिसमें गुर्दे में छोटे चट्टान समान पथरियां बन जाती हैं। ये पथरियां अलग-अलग आकार और प्रकार की होती हैं। कुछ पथरियाँ अपने आप बाहर निकल जाती हैं, जबकि कुछ बड़ी होती हैं और दर्द और समस्याएँ पैदा करती हैं।
रोजमैरी, जिसे रोसमरीनस ऑफिसिनालिस के नाम से भी जाना जाता है, एक सदीयों पुरानी जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक और पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है। इसके अनेक फायदे होते हैं, जैसे कि स्मृति बढ़ाने में, तनाव कम करने में और ज्यादा।
रोजमैरी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइन्फ्लैमेटरी और दर्द निवारक गुण होते हैं जो गुर्दे की पथरी के इलाज में सहायक हो सकते हैं।
गुर्दे की पथरी और रोजमैरी का संबंध:
एंटीइन्फ्लैमेटरी गुण: गुर्दे की पथरी के बनने से सूजन और दर्द हो सकता है। रोजमैरी के एंटीइन्फ्लैमेटरी गुण इस सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट गुण: ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से शरीर में मुक्त रेडिकल्स का निर्माण होता है, जिससे किसी भी अंग में नुकसान हो सकता है। रोजमैरी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण इस नुकसान को रोकने में मदद करते हैं।
दर्द निवारक गुण: पथरी के बनने पर अधिक दर्द होता है। रोजमैरी के दर्द निवारक गुण इस दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
उपयोग:
रोजमैरी तेल: रोजमैरी तेल को पीने से या मालिश करने से सूजन और दर्द में आराम मिल सकता है।
रोजमैरी चाय: रोजमैरी की पत्तियों से बनी चाय पीने से भी फायदा होता है।
सप्लीमेंट्स: बाजार में रोजमैरी की कैप्सूल्स और सप्लीमेंट्स भी उपलब्ध हैं जिन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए।
सावधानियाँ:
अधिक मात्रा: रोजमैरी का अधिक सेवन साइड इफेक्ट्स का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं को रोजमैरी का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया: कुछ दवाओं के साथ रोजमैरी का संयोजन साइड इफेक्ट्स पैदा कर सकता है।
निष्कर्ष:
रोजमैरी के अनेक गुण होते हैं जो गुर्दे की पथरी के इलाज में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, इसका सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी चिकित्सा से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।