Kidney Stones : सरसपरिला से गुर्दे की पथरी का इलाज
- Bionexus India
- Oct 9, 2023
- 2 min read
Updated: Oct 10, 2023
गुर्दे की पथरी आजकल कई लोगों की समस्या बन चुकी है। पथरी का मुख्य कारण मूत्र में मिनरल्स की अधिकता होती है, जो कि धीरे-धीरे जमकर पथरी का रूप ले लेती है। जब यह पथरी गुर्दे में बनती है, तो इससे शारीरिक पीड़ा, मूत्र में रक्त, मूत्राशय संक्रमण आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
सरसपरिला, जिसे वानस्पतिक जगत में 'स्मिलाक्स' के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन जड़ी-बूटी है जिसे पारंपरिक रूप से कई समस्याओं के उपचार में उपयोग किया जाता था। यह विशेष रूप से मूत्रसंबंधित समस्याओं में उपयोगी माना जाता है।
सरसपरिला के फायदे
मूत्र प्रवाह को बढ़ावा: सरसपरिला जड़ी-बूटी मूत्र प्रवाह को बढ़ावा देने में मदद करती है, जिससे मूत्र में संचित अतिरिक्त मिनरल्स को बाहर निकाला जा सकता है, जो पथरी का कारण बन सकते हैं।
श्लेष्मातिरिक्तता कम करना: सरसपरिला मूत्र में श्लेष्मातिरिक्तता को कम करने में मदद करता है, जिससे पथरी का निर्माण होने का खतरा कम होता है।
प्राकृतिक शोधन: सरसपरिला विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे गुर्दे स्वस्थ रहते हैं और पथरी का निर्माण रोका जा सकता है।
सरसपरिला का उपयोग कैसे करें
चाय: सरसपरिला की जड़ को सुखाकर पीसकर चाय तैयार की जा सकती है। इसे प्रतिदिन पीने से मूत्र संबंधित समस्याओं में लाभ होता है।
कैप्सूल या टैबलेट: कई हर्बल स्टोर्स में सरसपरिला के कैप्सूल या टैबलेट उपलब्ध होते हैं। आप चिकित्सक की सलाह से इसे लें।
ताजा जड़: ताजा सरसपरिला की जड़ को भी चाय बनाने के लिए या सीधा चबाने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
हालांकि, सरसपरिला के उपयोग से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि आप किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं, तो सरसपरिला उससे प्रतिक्रिया कर सकता है। इसलिए, किसी भी प्रकार की जड़ी-बूटी या सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।
संक्षेप में, सरसपरिला गुर्दे की पथरी और अन्य मूत्र संबंधित समस्याओं के उपचार में पारंपरिक रूप से उपयोगी मानी जाती है। इसका सेवन मूत्र प्रवाह को बढ़ाने, विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने और श्लेष्मातिरिक्तता को कम करने में मदद करता है। हालांकि, इसे लेने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।