Kidney Stones : सूखी तुलसी से गुर्दे की पथरी का इलाज
- Bionexus India
- Oct 9, 2023
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तुलसी भारतीय संस्कृति में एक पवित्र पौधा माना जाता है और इसका उपयोग धार्मिक कार्यक्रमों और आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। आयुर्वेद में तुलसी को 'तुलना स्तुति' कहा जाता है, जिसका मतलब है 'उससे बेहतर कुछ नहीं'। तुलसी में विभिन्न औषधीय गुण हैं जो की हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
गुर्दे की पथरी जब गुर्दे में अवशेष मानसपेशियों द्वारा उत्पन्न होने वाले अवशेष कणिकाओं का संचय होता है तो उसे पथरी कहते हैं। यह समस्या कई लोगों में होती है और इससे अधिक दर्द और असहजता होती है।
सूखी तुलसी के पत्तों से गुर्दे की पथरी का इलाज एक प्राचीन और प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक उपाय माना जाता है। चलिए जानते हैं कैसे:
तुलसी के औषधीय गुण: तुलसी में उरीक एसिड को कम करने की क्षमता होती है, जो गुर्दे की पथरी के निर्माण में एक मुख्य भूमिका निभाता है। इसके अलावा, तुलसी में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करने वाले अनेक गुण होते हैं।
तुलसी और शहद: सूखी तुलसी के पत्तों को पीस कर उसमें शहद मिलाकर सेवन करने से पथरी में आराम मिलता है।
तुलसी की चाय: तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी को पीने से गुर्दे की पथरी में राहत मिलती है।
तुलसी और नींबू: तुलसी के पत्तों का रस और नींबू का रस मिलाकर पीने से पथरी तेजी से बाहर निकलती है।
रोजाना सेवन: तुलसी के पत्तों का रोजाना सेवन करने से गुर्दे स्वस्थ रहते हैं और पथरी का खतरा कम होता है।
फिर भी, यह महत्वपूर्ण है कि आप किसी भी उपचार को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लें। क्योंकि हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग होती है और जो एक व्यक्ति के लिए उपयुक्त है, वह दूसरे के लिए नहीं हो सकता।
अंत में, तुलसी का उपयोग गुर्दे की पथरी के इलाज में एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका माना जाता है। यदि आप इसे अपनाना चाहते हैं, तो सही मात्रा और तरीके के लिए चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।