हल्दी, जिसे टर्मेरिक कहते हैं, वह मसाला है जिसे हम अक्सर अपने खाने में प्रयोग करते हैं। इसके अनेक औषधीय गुण हैं जिसके कारण यह भारतीय घरों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
गुर्दे की पथरी एक सामान्य समस्या है जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं। जब शरीर की अंतरिक तरल पदार्थ में मिनरल्स और नमक की अधिकता होती है, तो यह पथरी बना सकता है। पथरी गुर्दे में बनती है और मूत्र मार्ग को अवरुद्ध कर सकती है, जिससे दर्द और अन्य समस्याएँ हो सकती हैं।
हल्दी में कुर्कुमिन नामक यौगिक होता है, जिससे इसके जलन शामक, सूजन शामक और विषहारी प्रैपर्टीज होती हैं। कहा जाता है कि हल्दी का सेवन करने से गुर्दे की पथरी का निर्माण कम होता है और मौजूद पथरी का आकार भी छोटा हो सकता है।
इलाज:
हल्दी का पानी: एक चमच्च सूखी हल्दी पाउडर को एक गिलास पानी में मिला लें। इसे अच्छी तरह से मिलाएं और रोज सुबह खाली पेट पिएं। यह उपाय पथरी को तोड़ने में मदद कर सकता है।
हल्दी वाला दूध: हल्दी वाला दूध शरीर में सूजन को कम करने और पथरी के दर्द को शांत करने में मदद कर सकता है।
हल्दी की कैप्सूल: बाजार में हल्दी की कैप्सूल भी उपलब्ध हैं। इससे शरीर को ज्यादा मात्रा में कुर्कुमिन मिलता है, जिससे पथरी के इलाज में मदद होती है।
हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि हल्दी का सेवन अधिक मात्रा में न हो, क्योंकि इससे पेट की समस्या या अन्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। अतः, इसका सेवन सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
आखिरी विचार:
जबकि हल्दी गुर्दे की पथरी का इलाज में मददगार साबित हो सकती है, यह अकेला एक सम्पूर्ण इलाज नहीं है। यदि आपको लगता है कि आपको पथरी है या आप पहले ही प्रभावित हैं, तो तत्परता से डॉक्टर से परामर्श करें और उनकी सलाह पर ही किसी भी उपचार को अपनाएं।