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Kidney Stones : हरा चाय से गुर्दे की पथरी का इलाज


Kidney Stones : हरा चाय से गुर्दे की पथरी का इलाज

गुर्दे की पथरी एक आम स्वास्थ्य समस्या है जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं। पथरी गुर्दों में जमा मिनरल और लवण के संचय से बनती है। इसके लक्षण में पेट की तकलीफ, पेशाब में रक्त, पेशाब करते समय दर्द आदि शामिल हैं।

हरा चाय, जिसे ग्रीन टी भी कहा जाता है, एक प्रकार का चाय है जो चाय के पौधे, Camellia sinensis से बनाया जाता है। यह चाय पुराने समय से स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रशंसा की गई है और विभिन्न अध्ययनों में इसके अनेक स्वास्थ्य फायदे प्रमाणित हुए हैं।

हरा चाय और गुर्दे की पथरी में उसकी भूमिका:


  1. उपचारिक प्रोपर्टीज़: हरा चाय में पॉलिफेनॉल्स, कैटेकिन्स और अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं। इन एंटीऑक्सिडेंट्स की खासियत है कि वे शरीर में उत्पन्न फ्री रेडिकल्स को नष्ट करते हैं, जो पथरी के निर्माण में भूमिका निभा सकते हैं।

  2. मूत्र प्रवृत्ति में वृद्धि: हरा चाय में कैफीन होती है, जो मूत्र प्रवृत्ति में वृद्धि कर सकता है। अधिक मात्रा में पेशाब आने से पथरी का आकार छोटा हो सकता है और यह शरीर से आसानी से बाहर निकल सकती है।

  3. अधिक मिनरल्स की बाहर निकासी: हरा चाय का सेवन करने से शरीर में संचित अधिक मिनरल्स को पेशाब के साथ बाहर निकालने में मदद मिलती है, जो पथरी के निर्माण को रोक सकता है।

  4. प्राकृतिक डायूरेटिक: हरा चाय प्राकृतिक रूप से डायूरेटिक प्रभाव पैदा करता है, जिससे शरीर की अधिक मात्रा में तरल पदार्थ को बाहर निकालने में मदद मिलती है।


हालांकि, हरा चाय के फायदे होते हैं, लेकिन इसे अधिक मात्रा में पीने से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। अतः, इसे सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए।

समाप्ति:

हरा चाय गुर्दे की पथरी के इलाज में मददगार साबित हो सकता है, लेकिन इसे अधिक मात्रा में पीने से बचना चाहिए। अगर आपको लगता है कि आपको गुर्दे की पथरी है, तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। वे आपको सही मार्गदर्शन और उपयुक्त इलाज के बारे में सूचित कर सकते हैं।


 
 

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