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Gurde Ki Pathri : तिल से गुर्दे की पथरी का इलाज


Gurde Ki Pathri : तिल से गुर्दे की पथरी का इलाज

गुर्दे की पथरी एक सामान्य समस्या है, जो कई लोगों को प्रभावित करती है। यह अधिकतम समय में असहनीय दर्द के साथ आती है और यदि इसे अनदेखा किया जाए, तो यह जीवन को खतरे में डाल सकता है। विभिन्न आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपायों का उल्लेख कई साहित्य में होता है, जिनमें से एक है तिल का उपयोग।

तिल और उसके फायदे:

तिल, जिसे सेसाम सीड्स के रूप में भी जाना जाता है, एक छोटा और पौष्टिकता से भरपूर बीज है। इसमें सीसामोलिन और सीसामोलिन जैसे यौगिक होते हैं जो अवसादक और ज्वरहर प्रॉपर्टीज के लिए प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा, तिल में ओमेगा-३ और ओमेगा-६ फैटी एसिड्स, फायबर, विटामिन्स, और मिनरल्स जैसे पौष्टिक तत्व भी होते हैं।

तिल से पथरी का इलाज:

तिल में सीसामोलिन नामक यौगिक होता है जो मूत्र के प्रवाह को बढ़ावा देता है। जब मूत्र का प्रवाह बढ़ता है, तो पथरी के टुकड़े आसानी से बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा, तिल में अधिक मात्रा में कैल्शियम होता है, जो पथरी के निर्माण को रोकने में मदद करता है।

तिल के तेल का नियमित सेवन भी गुर्दे की पथरी के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। यह तेल मूत्राशय और गुर्दों की सफाई में मदद करता है, जिससे पथरी का निर्माण रोका जा सकता है।

नियमित सेवन कैसे करें:

तिल का नियमित रूप से सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हालांकि, एक सामान्य तरीका यह है कि आप रोजाना 1-2 चम्मच तिल का तेल सेवन कर सकते हैं या फिर ताजा तिल को सलाद, सूप, या अन्य खाद्य पदार्थों में मिला सकते हैं।

निष्कर्ष:

तिल से गुर्दे की पथरी का इलाज संभव है, परंतु यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक स्थिति भिन्न होती है। इसलिए, किसी भी प्राकृतिक उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। तिल एक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है जिसके अनेक फायदे हैं, परंतु इसका सही और संतुलित रूप से सेवन करना चाहिए।


 
 

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