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Gurde Ki Pathri : बेसिल सीड्स से गुर्दे की पथरी का इलाज


Gurde Ki Pathri : बेसिल सीड्स से गुर्दे की पथरी का इलाज

बेसिल, जिसे हिंदी में तुलसी कहते हैं, एक प्राचीन और पौराणिक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग भारतीय घरों में कई सदियों से हो रहा है। तुलसी के पत्तों के फायदे तो सभी जानते हैं, लेकिन आपको हैरानी होगी कि तुलसी के बीज, जिसे 'बेसिल सीड्स' कहा जाता है, भी आपके स्वास्थ्य के लिए अद्भुत गुणकारी होते हैं।


इनमें से एक गुण यह है कि ये गुर्दे की पथरी का इलाज में मददगार साबित हो सकते हैं।

गुर्दे की पथरी क्या है?

गुर्दे की पथरी तब होती है जब आपके पेशाब में मौजूद विषेष पदार्थ जैसे कि कैल्शियम, ऑक्सेलेट या यूरिक एसिड जम कर पत्थर की तरह सख्त हो जाते हैं। यह पथरी आमतौर पर दर्द और संजीवनी समस्याओं का कारण बन सकती है।

बेसिल सीड्स कैसे मदद करते हैं?


  1. दीर्घकालिक उपयोग: तुलसी के बीज में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर को डिटॉक्सिफ़ाई करते हैं और गुर्दे की सही कार्यक्षमता को बनाए रखते हैं।

  2. अधिक पानी की उपयोग: तुलसी के बीज को पानी में भिगोकर पीने से पेशाब की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे पथरी के तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

  3. उद्दीपन प्रवृत्ति: ये बीज शरीर के अंदर जमा हुए विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं।


सेवन कैसे करें?

तुलसी के बीज को पानी में १२ घंटे के लिए भिगोकर छोड़ दें। फिर इसे छलनी में छलकर पानी पी सकते हैं। इसका सेवन प्रतिदिन सुबह खाली पेट करना चाहिए।

सावधानियां:

फिर भी, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें अगर आप तुलसी के बीज का सेवन करने का विचार कर रहे हैं, क्योंकि हर व्यक्ति की शारीरिक अवस्था और स्थितियां अलग होती हैं।

निष्कर्ष:

तुलसी के बीज एक प्राकृतिक उपाय हैं जो गुर्दे की पथरी का इलाज में मदद कर सकते हैं। हालांकि, इसे सही तरीके से और सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए। औषधीय पौधों और उनके गुणों का सही ज्ञान और समझ आपको स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीने में मदद कर सकता है।


 
 

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