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Gurde Ki Pathri : लिकोरिस चाय से गुर्दे की पथरी का इलाज


Gurde Ki Pathri : लिकोरिस चाय से गुर्दे की पथरी का इलाज

गुर्दे की पथरी से जुड़ी समस्याएं आज के समय में बढ़ रही हैं। अधिकतर लोग इससे पीड़ित होते हैं और इसके चिकित्सा से संबंधित जानकारी खोजते रहते हैं। आज हम बात करेंगे एक प्राचीन उपाय के बारे में, जो लिकोरिस चाय के रूप में प्रस्तुत है।

लिकोरिस जड़, जिसे मुलेठी भी कहा जाता है, प्राचीन समय से ही आयुर्वेदिक और चीनी चिकित्सा में उपयोग होता रहा है। इसके अनेक फायदे हैं, जिसमें से एक है गुर्दे की पथरी के उपचार में मदद करना।

लिकोरिस चाय के फायदे


  1. विरोधी-सूजन प्रतिरोधक: मुलेठी में विरोधी-सूजन गुण होते हैं, जो गुर्दे की पथरी की स्थिति में सूजन और दर्द को कम कर सकते हैं।

  2. मूत्रल संवर्धन: यह चाय मूत्र के प्रवाह को बढ़ावा देती है, जिससे पथरी को आसानी से निकाला जा सकता है।

  3. संकुचन विरोधी: मुलेठी के संकुचन विरोधी गुण गुर्दे की पथरी संबंधित असहजता और दर्द को शांत कर सकते हैं।


लिकोरिस चाय की तैयारी

आप इस चाय को ताज़ा मुलेठी जड़ से या सूखी जड़ से भी तैयार कर सकते हैं।


  1. एक पानी की कढ़ाई में 1-2 छोटी टुकड़ी मुलेठी जड़ डालें।

  2. पानी को उबालने दें और फिर धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक पकाएं।

  3. चाय को चलने दें और गर्मा गरम पीएं।


सावधानियां

लिकोरिस चाय का सेवन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। अधिक मात्रा में इसका सेवन हानिकारक हो सकता है, इसलिए यदि आप किसी चिकित्सा स्थिति में हैं या किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं, तो पहले अपने चिकित्सक से सलाह लें।

निष्कर्ष

लिकोरिस चाय गुर्दे की पथरी की समस्या को दूर करने में सहायक हो सकती है। इसके फायदे हैं, परंतु इसका सही तरीके से और सावधानी से सेवन करना चाहिए। यदि आपको लगता है कि आपको गुर्दे की पथरी है, तो सबसे पहली बात चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। वे आपको इस चाय के सेवन के बारे में सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।


 
 

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