Gurde Ki Pathri : सरसपरिला से गुर्दे की पथरी का इलाज
- Bionexus India

- Oct 14, 2023
- 2 min read
गुर्दे की पथरी आजकल बहुत सामान्य रोग हो गया है। इससे व्यक्ति को बहुत अधिक पीड़ा होती है और अगर समय पर उसका उचित इलाज नहीं किया जाए तो यह संक्रामण और अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। पारंपरिक और प्राकृतिक उपायों में सरसपरिला (सार्सापारिला) का महत्व विशेष रूप से उल्लेख किया जाता है जो गुर्दे की पथरी के इलाज में मदद कर सकता है।
सरसपरिला क्या है?
सरसपरिला, जिसे हिंदी में 'अनंतमूल' भी कहा जाता है, एक प्राचीन जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक उपायों में होता है। इसमें विशेष प्रकार के गुण होते हैं जो शरीर की विभिन्न समस्याओं के लिए फायदेमंद हैं।
सरसपरिला और गुर्दे की पथरी:
विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना: सरसपरिला में विषहारक गुण होते हैं जो शरीर में संचित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यह शरीर से अत्यधिक मात्रा में यूरिक एसिड को बाहर निकाल सकता है, जो गुर्दे की पथरी के विकसन में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।
शरीर में सूजन को कम करना: सरसपरिला में शोथनाशक गुण होते हैं जो गुर्दे में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह गुर्दे की सही कार्यशैली को बहाल करने में मदद करता है।
अंतरीक्षण और संक्रमण का सामना: सरसपरिला में अंतरीक्षणविरोधी और जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं जो गुर्दे के संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं।
सरसपरिला का सेवन कैसे करें?
सरसपरिला का उपयोग चाय, कढ़ा या सीधे जड़ के रूप में किया जा सकता है। आमतौर पर, सरसपरिला की जड़ को पीसकर चाय तैयार की जाती है और इसे रोजाना सेवन किया जा सकता है। यदि आपको अपनी तबियत में किसी प्रकार का असहजता महसूस होती है तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।
निष्कर्ष:
फिर भी, यह महत्वपूर्ण है कि आप गुर्दे की पथरी या अन्य गंभीर समस्याओं के लिए सरसपरिला का उपयोग करने से पहले एक योग्य चिकित्सक से सलाह लें। जबकि प्राकृतिक उपचार अकेले में प्रभावी हो सकते हैं, यह सबसे अच्छा है जब वे औपचारिक चिकित्सा प्रणाली के साथ मेल खाते हैं।

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